बुधवार, 10 जून 2009

ठीक किया जो छोटे के मुंह नहीं लगा

वातानुकूलित कार में बैठे
उस रइश कुत्ते पर
आवारा कुत्ते बहुत हैरान हुए
और कार के पीछे दूर तक भागते रहे, भौंकते रहे
कार में बैठी वह छोटी लड़की
' डॉली ' की ऐसी इंसल्टी पर बहुत परेशान हो गयी
आवारा कुत्ते भौंकते रहे
लेकिन "डॉली ' ने मुंह नहीं खोला
++
घर पहुंचकर लड़की ने डैडी से पूछा
डैडी- डैडी ??
अपना "डॉली ' ऐसा क्यों है ?
वे भौंकते रहे
लेकिन इसने दूम दबा लिया
डैडी ने कहा-
" बेटा, ' डॉली ' ने ठीक किया जो छोटे के मुंह नहीं लगा "
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दो सप्ताह बाद
आज, वह छोटी लड़की बहुत खुश थी
आज
मोहल्ले में यत्र-तत्र आवारा कुत्तों की लाश पड़ी थी

2 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

रंजीत जी.............बहुत ही मर्म्स्पर्शीय रचना........

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

बहुत अच्छी रचना......!आजकल आभिजात्य वर्ग इसी भावना के साथ जी रहा है...!ये अलग बात है की जिंदगी में अक्सर ऐसे ही छोटे लोगों के मुंह लगना पड़ता है..!कुत्तों के माध्यम से आपने सही तस्वीर प्रस्तुत की है...